शुक्रवार, अक्तूबर 20, 2006

दीपावली की हार्दिक शुभकामना

प्रकाशपर्व,
सब अंधकार हर ले,
ज्योतिर्मय जग कर दे....।

गृह-गृह दीप्तित,
दीप्तित तन-मन।
ज्योति-पर्व यह,
ज्योतिर्मय कण-कण।
दीप्तित ज्यों कार्तिक अमावाश्या,
दीप्तित हों हर उर के घन तम....।
मन में आलोक भर दे.....

सब ज्योतिर्मय कर दे....।

तिरोहित क्लेष के तम,
उद्भासित हर्ष से मन।
तिरोहित रोग सा तम,
कांतिमान स्वस्थ तन।
तिरोहित द्वेष के तम,
आलोकित हों
भर राग से मन.......।
तम हों विलीन,
मन में दीप जले .......।

प्रकाशपर्व,
अंधकार हर ले,
सब ज्योतिर्मय कर दे....।

कोई टिप्पणी नहीं: